Sunday 8 September 2013

राम जन्म भूमि कथा



राम जन्म भूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बने यह हिन्दू समाज की आकांक्षा है। इसके लिए बार बार प्रयत्न हुए। राम जन्म भूमिमंदिर के निर्माण , विध्वंस व पुनर्निर्माण हेतु हिन्दू समाज के प्रयत्न की एक कथानक के माध्यम से जानकारी देनेवाला राजस्थान की घुघरी राग में स्वर्गीय श्री मोतीसिंह जी राठौड़  द्वारा रचित यह गीत बड़ा ही बोधगम्य, भावपूर्ण व रोचक है :
घटना सन १९९२ की राजस्थान के एक गाँव की है, जब पूरे देस में अयोध्या में दूसरी कार सेवा हेतु कारसेवक जा रहे थे। एक कृषक महिला सवेरे सवेरे मंदिर जा कर आती है और अपने पति से कहती है कि आज बहुत से लोग जय श्रीराम जय श्रीराम का उदघोष लगा रहे हैं और लोग कह रहे हैं की वे अयोध्या जा रहे हैं। यह क्या मामला है ?………………….
                                              पत्नी 
हाको सुणियो उरलै  परलै  बास कोई लोग अज्योधा जा रह्या जी म्हारा राज
काईं परणया मंड्यो अज्योध्या कुम्भ के  विपदा आई दे'वरां जी म्हारा राज
                                             पति
ना म्हारी गौरी मंड्यो अज्योध्या कुम्भ ना  विपदा आई दे'वरां ऎ घरनार
जलम रामजी लियो अज्योध्या मांय बठै ही मिन्दर बण रह्यो ऎ  घरनार
                                             पत्नी
मिन्दर बणण इसड़ी काईं बात क्यूँ सगळै हाको फूटरयो जी म्हारा राज
जा' री बठै सारी राण-खुमाण इसड़ो के आभो फाटग्यो जी म्हारा राज
                                             पति
मिन्दर होतो राम जलम री ठोड पूजन्तो सारै देस म ऎ  घरनार
होतो राजा बीर बिकरमादीत बो' ही ओ मिन्दर बणावियो ऎ  घरनार
एक लुटेरो जीं रो बाबर नाँव भारत पर चढकर आवियो ऎ  घरनार
खोस्या कैई राजावां रा राज तोड्या बीं मिन्दर दे'वरा ऎ  घरनार
फज़ल अबास कलंदर एक फ़कीर बाबर रै मनरो चाँवतो ऎ  घरनार
फकीरडै रै मनमै उठ्यो जिनून बाबर नै जा बिड़दावियो ऎ  घरनार
दुनियाँ मै हो ज्यासी थारो नाम तू राम मिन्दर नै तोड़ दे र मेरा ना'र
मीरबकी बाबर रो ओ'दा दार अज्योध्या पर चढ़ दोड़ीयो ऎ  घरनार
जळम भोम रो मिन्दर दीन्यो ढा'य त्यारी महजीत बणाण की ऎ  घरनार

हाको फूट्यो गाँव गाँव रे माँय जाग्यायो सारो चोखळो  ऎ  घरनार
हाथां माईं जो आयो हथियार ले हिन्दू भेळा हो गया ऎ  घरनार
तोपां आगै गळी न बां री दाळ पण फोड़ा निस दिन घालता ऎ  घरनार
दिन म मियाँ चिणता जितरी भींत अ रात्यूं रात खिंडावतां ऎ  घरनार
बण नहीं पाई मियाँ री महजीत पण राम मिन्दर तो टूटगो ऎ  घरनार

तो भी हिन्दुआँ मानी कोनी हार मांडेड़ो राख्यो मोरचो ऎ  घरनार
सम्मत पन्दरा सौ पिच्यासी साल जद सू ओ झगड़ो चाल रयो ऎ  घरनार
खपग्या कई राजा राणी साध कितरी ही जनता खप गयी ऎ  घरनार
नहीं पढ़णदी मियाँ नै निवाज़ कोई अखण्ड पूजा हो रही ऎ  घरनार

गयो देश सूं परदेस्यां रो राज आज़ादी आई देश म ऎ  घरनार
हुता जिका ग़ुलामी रा सैनाण बां नै सारां नै मेटिया ऎ  घरनार
परदेस्यां री मुरत्यां होती भोत सब नै ओळातर मेल दी ऎ  घरनार
बाँ री ठोड़ा गांधी जी म्हाराज नैं दूजा नेता दीसरया ऎ  घरनार

हो शिव मिन्दर सोमनाथ रै माँय जो म्होमद गज़नी तोड़ीयो ऎ  घरनार
पै'लो गृह मंत्री सरदार पटेल बो मिन्दर नवो बणावियो ऎ  घरनार
बोल्यो ओ गुलामी रो कलंक ई नै तो धोणो चा'यजे ऎ  घरनार
लाम्बी ऊमर ना पायी सरदार मिन्दर बणज्यातो राम को ऎ  घरनार

भीतर हो री पूजा घणै मान ऊपर ऊभा बै भीतड़ा ऎ  घरनार
साधू संता कर राख्यो विचार मिन्दर बणवास्यां सांतरो ऎ  घरनार
घर घर लेग्या राम शिला पुजवाय मिन्दर री नींव लगायदी ऎ  घरनार
राज करणियां री ही खोटी नीत बै बोट बीच में बाळीया ऎ  घरनार
राजिव गांधी ले बोटां रो नाँव मिन्दर रो काम थमा दियो ऎ  घरनार

बोटां म राजीव गयो हार वी पी सिंह गादी बैठियो ऎ  घरनार
बोल्यो म्होलत द्यो मनै म्हीना च्यार मिन्दर को रस्तो काढस्यूं ऎ  घरनार
च्यार म्हनां नै जातां नै के बार राजा तो चुप व्है बैठ्ग्यो ऎ  घरनार
पण संतां नैं कियां पड़ती चैन बाँ रो जाग्यायो राम जी  ऎ  घरनार
घर घर ताणी राम ज्योत पूँचाय दीवा चसवाया राम का ऎ  घरनार
राम दिवाळी धोकी सारै देश कोको अज्योध्या जाण को ऎ  घरनार
सन गुन्नासी नब्बै की है बात सब लोग अज्योध्या पूगग्या ऎ  घरनार
मिन्दर तो बण ज्यातो बीं ही स्यात पण राज चलादी गोळीयाँ  ऎ  घरनार
लोही सूं अज्योधा होगी लाल कितरा ही सुरग सिधारिया  ऎ  घरनार

जनता सारी करड़ो करियो कोप राजा नैं नीचो नाखियो  ऎ  घरनार
नुवा राज री भी है आ'ही नीत बोटां री खातर लुभ रह्या  ऎ  घरनार
बात चीत में दीसै कोनी सार बरसां रा बरस घुळा दिया  ऎ  घरनार
अब आयो है सन्तां रो सन्देश मिन्दर बणवाकर मानस्यां  ऎ  घरनार
बीं री ही आ सारी रामारोळ घर घर सूँ सेवक जा रह्या  ऎ  घरनार
                                            पत्नी
ओ 'तो स्याणां राम धरम रो काम आपाँ क्यूँ रहवाँ लैरनै जी म्हारा राज
तीरथ रो तो तीरथ होय ज्याय मिन्दर बणवाद्यां राम को जी म्हारा राज
                                            पति
तूं है गौरी भोळै मन री नार तूं बिना बिचारयाँ बोलगी  ऎ  घरनार
आपणै है काची फुलवाद पाछै ई नै कुण सींचसी  ऎ  घरनार
छोटकड़ी को करणो अबकै ब्याव बड़ली क  छूछक जावणो  ऎ  घरनार
भैंस आपणी ऊभी ब्यावण सार पूरै म्हीनाँ है कुळ बहू  ऎ  घरनार
ओ 'है गौरी ठालोडाँ रो काम आपाँ नैं जायां ना सरै  ऎ  घरनार
                                            पत्नी
सुणज्यो स्याणां म्हारै मन री बात मरदां री सी थे ना कही जी म्हारा राज
घालो मतना घर म इतरो जीव रुखाळो सब रो राम जी सा म्हारा राज
मन्नैं देद्यो खरची जितरा दाम मैं सबसूं आगै रैवस्यूं जी म्हारा राज
राखो थारा घर टाबर संभाळ मन्नैं तो दीसै राम जी सा म्हारा राज
                                            पति
ईंयां गौरी एकलड़ी मत जाय जोड़ै सूं आपां चालास्याँ  ऎ  घरनार
म्हारै मन मैं थांसूं बेसी कोड मैं तो थारो मन ले रह्यो  ऎ  घरनार
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चाल्या दोन्यूं शुभ म्हूरत रै माँय गौ'जे म रिपिया पाँच सै जी म्हारा राज
पांच सेर रा शक्कर पारा काढ थैलै म साग ले लिया जी म्हारा राज
गाँव गाँव सूँ जुड़ता चाल्या लोग अज्योध्या लाखां पूगग्या जी म्हारा राज
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ऊंच नीच रो सारो भेद भुलाय कोई कौम छतीसूं पूगगी जी म्हारा राज
पूग्या २ करसां नैं मज़ूर कोई बैद बकील र बाणियाँ जी म्हारा राज
कालेजां रा छोरां री ही टोळ साथै वां रा पढाणियां जी म्हारा राज
लुगायां भी कोनी रैयी लार झाँसी री राण्या बण गई जी म्हारा राज
पूग गया सारा पन्थां रा साध श्री राम को नाम गुंजावता जी म्हारा राज
पूरब पिच्छम उत्तर दिखण सूं चाल कोई देश समूलो आयगो जी म्हारा राज
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कोई बोलै तमिल असमिया बोल तो कोई बोलै डोगरी जी म्हारा राज
कोई नै गुजराती को है ग्यान तो कोई कन्नड़ बोल रयो जी म्हारा राज
इक दूजै री समझै कोनी बात पण मनड़ो सब रो मिल रह्यो जी म्हारा राज
पहरयां सारा न्यारा न्यारा भेख पण सब री मनस्या एक है जी म्हारा राज
लागै जाण्यु एक पिरवार सबां रा मायत रामजी सा म्हारा राज
समझै सब माँ बहणां नैं माँ भैण चोरी बदमाशी ना सुणी जी म्हारा राज
नहीं कठै भी राड़ झोड़ रो कांम कोई सूती गंगा बह रही जी म्हारा राज
राम राज म कियां रहता लोग ओ आँख्यां आगै आयगो जी म्हारा राज
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बडै राज नै घणी करी अरदास अब म्हानै मिन्दर बणाणद्यो जी म्हारा राज
आडो आयो बोटां केरो लोभ आडी पर आडी राज दी जी म्हारा राज
आडै दीनी पलटण पुलस बिठाय कोरट रो रोक्यो फैसलो जी म्हारा राज
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आई आई मोट्यारां नै रीस ढांचै रै ऊपर चढ गया जी म्हारा राज
रह्या बरजता सारा साधू संत पण लाग्या कोनी थागड़ा जी म्हारा राज
भाठो ढींढो जो भी आयो हाथ ले ढांचो ढावण लागग्या जी म्हारा राज
कुदया जाण्यू लंका म हणमान अणूती ताकत आयगी जी म्हारा राज
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ऐसी होई सांवरिया री म्हैर कोई पुलस्या अपूठा फिर गया जी म्हारा राज
होता कैई अकलां म उजीर मुरत्यां नैं बारें काढली जी म्हारा राज
भाठा दग्गड़ पड्या उपर सूं आय जवानी पाछी ना मुडी जी म्हारा राज
वानर सेना कर कर जय जयकार बाबर रो ढांचो ढा दियो जी म्हारा राज
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बाज्या बाज्या शंख मजीरा ढोल मिन्दरां मैं बाजी आरती जी म्हारा राज
हुई हरस सूं नगरी हळाबोळ घर घर म दीवा चासिया जी म्हारा राज
उडणै लाग्या रंग और गुलाल फुलझड़ी पटाखा छूटिया जी म्हारा राज
हरख्यो च्यारूं कूँटाँ हिन्दुस्थान बरसां रो पातक कट गयो जी म्हारा राज
ढांचों टूटयो हुयो साफ़ मैदान छोटो सो थरप्यो दे'वरो जी म्हारा राज
ई मिन्दर में मुरत्यां दी पधराय सारां मिल कीनी आरती जी म्हारा राज
घर सूं आया हां जो संकळप धार संवारिये पूरो कर दियो जी म्हारा राज
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छोड़ अज्योधा पाछा चाल्या लोग मारग में घणां बधाविया जी म्हारा राज
ठेसण ठेसण जनता री ही भीड़ जयकारा हा श्री राम का जी म्हारा राज
कारसेवाकां रा सब करिया कोड मूंडो मीठो करवा रह्या जी म्हारा राज
होगी म्हारै मन री चीती बात म्हे किस विध थानै आदरां जी म्हारा राज
जाग्यायो है सारो हिन्दू आज जो कुम्भकरण बण सो रह्यो जी म्हारा राज
बीत गयी कष्टा री काळी रात सोनै रो सूरज उगियो जी म्हारा राज  
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धणी धिराणी पूग्या अपणै गाँव कांकड़ पर लोग उडीक रया जी म्हारा राज
बूढ़ा ठेरां दीन्यो है आसीस छोटोडां तो पग चांपिया जी म्हारा राज
ल्याया बाँ पर चँवर ढुळाय लुगायां मंगळ गांवती जी म्हारा राज  
थे राखी है गाँवड़लै री लाज धन धन थारै माँ बाप नै जी म्हारा राज  
लोग लुगायां कर कर मन में कोड अज्योध्या री पूछै बारता जी म्हारा राज  
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घरां पूग पोळी में मेल्यो पाँव तो थाळ सुणीज्यो बाजतो जी म्हारा राज  
बेटो बोल्यो पाडी ल्यायी भैंस बहू रै जायो गीगलो जी म्हारा राज  
कह्यो धिराणी सांवर नै सर नाय ईस्या ही सब नै टूठज्यो जी म्हारा राज  
राम काज तो कदेन अहळो जाय सांवरियो टेकी राखणू जी म्हारा राज  
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