Monday 14 November 2016

चेत माणखा दिन आया


चेत माणखा दिन आया रणभेरी आज बजांवाला
उठो आज पसवाड़ो फेरो सूत्या ना'र जगावांला।
सम्हळ सम्हळ भारत भावी शुभ जलम भोम जस गावै है,
आज देसरी सीमा माथै दुश्मी रोळ मचावै,
सूँत पड़ो तालवारां रण में गीत जीत रा गावांला
जिण धरती रो अन खायो धरती रो करज चुकावांला ll1ll
आज देस रै मान सरै घरबार लुटै तो लुटबादे
जनम भौमरी जमीं सरै जे सीस कटै तो कटबादे
मोल घटैलो मुलकां रो जे आपां ही झुक ज्यावांला
सीस सदा ऊँचो भारत रो नीचो कयां झुकावांला ll 2 ll
जाग उठो सांवत सूरां अब लाज बचावण माता री
मार झपाटो दुसमण रै अब कूद पड़ो कर किलकारी
भाज्यां गाळ बंस नै लागै रण लड़ियां जस पावांला
दुसम्यां री सेना रै माथै बिजळी बण पड़ ज्यावांला ll 3 ll
खड़ड़  खड़ड़ बोलैलो खांडो झड़ड़ झड़ड़ झड़कावांला
दुशम्यां री छाती रै माथै दुनाल्यां भड़कावांला
आज मिल्यो सांचो मौको बैर् यां री टैंट दबावांला
मरग्या तो माँ की गोदी म रहग्या तो जस गावांला ll 4 ll
झणक उठै झण झण तालवारां एक बार तो फिर रण में
घणा दिनां सूं प्यासी धरती रगत सींचद्यो कण कण में
पथ बिसरायो आज वीर तो मौत बिना मर ज्यावांला
मोल करांला मिनखां रो काया रै कळंक लगावांला ll 5 ll